हृदय ( The Heart ) हृदय रक्त परिसंचरण तन्त्र का प्रमुख एवं विशिष्ट अंग है । यह एक पेशीय , खोखला , संकुचनशील , शंक्वाकार अंग है जो वक्ष में स्टर्नम के पीछे दोनों फेफड़ों के मध्य ऊतकों के एक भाग जिसे मीडिएस्टिनम कहते हैं , तथा कुछ बायीं ओर को हटा हुआ तिरछेपन के साथ स्थित रहता है । कुछ बाई ओर को हटा हुआ होने के कारण इसका एक तिहाई भाग शरीर की मध्य रेखा से दायीं ओर को तथा दो तिहाई भाग बायीं ओर को स्थित रहता है । हृदय का ऊपरी भाग कुछ चौड़ा होता है जो आधार ( base ) कहलाता है तथा कुछ दायीं ओर झुका रहता है । निचला नुकीला भाग शिखर ( apex ) कहलाता है जो कुछ बायीं ओर को तथा थोड़ा आगे को झुका और डायाफ्राम पर स्थित रहता है । शिखर की सीमा पाँचव एवं छठी बाय पसलियों के मध्य ( इन्टरकॉस्टल ) तक पहुँच जाती है । इसी स्थान पर हाथ रखने से हृदय स्पन्द ( धड़कन ) का आभास मिलता है ।